Sattu vs Whey Protein Nutrition Value : व्हे प्रोटीन और सत्तू दोनों में से कौन है बेस्ट प्रोटीन सोर्स

Sattu vs Whey Protein Nutrition Value पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और सत्तू और व्हे प्रोटीन के बीच में जंग छिड़ी हुई है कि दोनों में से कौन ज्यादा बेहतर है अगर आप जिम करते हैं अच्छी बॉडी बनाना चाहते हैं या फिर केवल एक अच्छी हेल्थ मेंटेन करना चाहते हैं तो इन दोनों में से आपको किस सोर्स से प्रोटीन लेना चाहिए और क्या जिम जाने वालों के लिए सत्तू एक प्रोटीन का अच्छा सोर्स है या नहीं सत्तू और व्हे प्रोटीन कैसे बनते हैं Sattu vs Whey Protein Nutrition Value और इन दोनों में क्या डिफरेंस होता है और दोनों में से आपके लिए सबसे बेस्ट प्रोटीन सोर्स क्या है सब कुछ इस लेख में विस्तार। में जानेंगे

Sattu vs Whey Protein Nutrition Value
Sattu vs Whey Protein Nutrition Value

 

How to make sattu सत्तू कैसे बनता है ।

Sattu vs Whey Protein Nutrition Value सत्तू भारत में कई दशको से हमारी दैनिक डाइट का हिस्सा रहा है भुने हुए चने को जब छिलका हटाकर उनको बारीक पीस लिया जाता है तो जो पाउडर हमें प्राप्त होता है वही है सत्तू । यानी सत्तू और कुछ नहीं केवल भुने हुए चने का पाउडर है ओर क्योंकि सत्तू केवल भुने हुए चना का पाउडर है तो यह आसानी से उपलब्ध होता है और इसे घर में भी बनाया जा सकता है इस वजह से इसकी कीमत बहुत ही कम होती है कई लोग सत्तू को केवल काले चने से ही नहीं बल्कि गेहूं से भी मिक्स दालो से और जो से भी बनाते हैं राजस्थान के कई क्षेत्र में जो का सत्तू भी काफी प्रचलित है।

 

How To Make Whey Protein  व्हे प्रोटीन कैसे बनता है ।

व्हे प्रोटीन को बनाने का प्रोसेस थोड़ा जटिल होता है दूध को नींबू या खटाई मिलाकर फाड़ा जाता है और उसमें से सख्त हिस्सा जिससे पनीर बनता है जिसे साइंटिफिक लैंग्वेज में केसिन कहा जाता है उसे अलग कर लिया जाए तो जो पानी बचता है जिसे साइंटिफिक लैंग्वेज में व्है कहा जाता है इस लिक्विड को जब फैक्ट्री में प्रक्रिया करके सूखा लिया जाता है और जो पाउडर हमें प्राप्त होता है उसे व्है प्रोटीन कहते हैं।

व्हे प्रोटीन और सत्तू की कीमत में अंतर क्यों।

Sattu vs Whey Protein Nutrition Value सत्तू और व्है प्रोटीन की कीमत में भारी अंतर है जैसे कि सत्तू का 1 किलो पाउडर करीब ₹200 में मिल जाएगा जबकि 1 किलो अच्छे ब्रांड का व्हे प्रोटीन करीब ₹2000 किलो मिलेगा इसकी कीमत में बड़े डिफरेंट का कारण है कि सत्तू बड़ी ही आसानी से अवेलेबल है और क्योंकि इसे केवल काले चने से बनाया जाता है और काला चना आपको भारत में कहीं भी 40 से 60 रुपए किलो आसानी से मिल जाएगा जबकि वे प्रोटीन बनाने के लिए कई लीटर दूध को फाड़ा जाता है और कई लीटर दूध में से 1 किलो व्हे प्रोटीन मिलता है इसलिए यह काफी ज्यादा महंगा होता है और इसे बनाना भी थोड़ा डिफिकल्ट है इसे केवल फैक्ट्री में बनाया जा सकता है घर में बनाना मुश्किल है l

 

Benefits of Sattu  सत्तू के क्या फायदे है

 

  • शुद्ध शाकाहारी   – सत्तू चने से बनता है जो की एक शाकाहारी फ़ूड है ।

 

  • गट हेल्थ और डाइजेशन – सत्तू आपकी  हेल्थ को इंप्रूव करता है और डाइजेशन में हेल्प करता है।

( गट हेल्थ मतलब पूरा पाचन तंत्र मुख से मल द्वार तक की प्रकिया )

 

  • लो ग्लाइसिमिक इंडेक्स –  साथ ही सत्तू एक लौ ग्लाइसिमिक इंडेक्स वाला फूड है। जिससे यह शरीर में धीरे-धीरे पचता है और लगातार ऊर्जा देता रहता है।

 

  • शुगर तेजी से नही बढ़ाता – लो लोग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड होने से यह ब्लड में शुगर लेवल को भी धीरे-धीरे बढ़ाता है जिससे आपको ब्लड शुगर स्पाइक की प्रॉब्लम नहीं होती ।

 

  • मिनरल्स – सत्तू एक मिनरल्स रिच फूड है इसमें आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन लेवल को बढ़ाता है और थकान को कम करता है।

 

  • मैग्नीशियम – सत्तू में मैग्नीशियम भी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करता है और मांसपेशियों  को मजबूत करता है ।

 

  • कैल्शियम – सत्तू में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों को भी मजबूत करता है।

 

  • बी कांप्लेक्स विटामिन – सत्तू में बी कांप्लेक्स विटामिन भी होते हैं जो एनर्जी मेटाबॉलिज्म और मस्तिष्क कार्य क्षमता को बढ़ाता है ।

 

  • शरीर डिटॉक्सिफाई करता है – सत्तू शरीर को डिटॉक्सिफाई करके उसमें से गंदगी को साफ करता है क्योंकि इसमें प्राकृतिक सफाई गुण होते हैं।

 

  • हार्ट हेल्थ के लिए – सत्तू हार्ट के ब्लड सरकुलेशन के लिए अच्छा होता है और हार्ड हेल्थ को सपोर्ट करता है ।

 

  • कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है – सत्तू लो डेंसिटी लाइकोप्रोटीन जिसे बेड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है उसे भी कम करता है।

 

  • ब्लड प्रेशर में आराम – जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उन्हें भी सत्तू रिकमेंड किया जाता है सत्तू में मौजूद मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।

 

  • इम्यूनिटी बूस्टर – क्योंकि सत्तू में एसेंशियल न्यूट्रिएंट पाए जाते हैं तो यह एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर भी है।

 

  • एनीमिया से बचाए – सत्तू आयरन रिच होता है तो यह एनीमिया यानी कि आयरन डिफिशिएंसी से भी बचाता है।

 

  • शरीर के लिए ठंडा – उत्तर भारत में भारी गर्मियों में सत्तू का बहुत उपयोग किया जाता है क्योंकि यह शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा रखता है ।

 

  • बेस्ट प्रोटीन रिच फूड – और सत्तू एक प्रोटीन रिच फूड है तो यह मसल रिपेयर और मसल स्ट्रेंथ के लिए भी अच्छा है जिम जाने वाले लोग भी इसे उपयोग कर सकते हैं।

 

  • गरीबो का प्रोटीन – सत्तू घर में आसानी से बन जाता है और सस्ता है इसलिए इसे गरीबों का प्रोटीन भी कहा जाता है।

 

तो सत्तू हेल्थ बेनिफिट्स और न्यूट्रिशन का एक पावर हाउस है इसे कम कीमत में बनाया जा सकता है और शरीर में न्यूट्रिएंट्स और प्रोटीन की पूर्ति की जा सकती है।

Sattu vs Whey Protein Nutrition Value per 100 g
Sattu vs Whey Protein Nutrition Value per 100 g

Benefits of Whey Protein व्हे प्रोटीन के फायदे

व्हे प्रोटीन एक प्योर प्रोटीन है जो दूध से प्राप्त किया जाता है इसमे से फैट ओर कार्बोहाइड्रेट को प्रोसेसिंग के दौरान काफी कम कर दिया जाता है और कुछ फ्लेवर्स ओर जरूरी डाइजेस्टिव तत्व मिलाये जाते है यह प्रोटीन का डायरेक्ट सोर्स है। यह शरीर में आवश्यक अमीनो एसिड की कमी को पूरा करता है और अनेक प्रकार के स्वास्थ लाभ देता है।

  1. मांसपेशिया स्ट्रांग करता है – इसमें हाई क़्वालिटी प्रोटीन होता है, जो मांसपेशियों की ग्रोथ और रिकवरी में मदद करता है।

 

  1. वजन घटाए – यह आपको लंबे टाइम तक फूल रखता है जिससे भूख कम लगती है और मेटाबॉलिज़्म को तेज करता है।

 

  1. पॉवरफुल इम्यूनिटी बूस्टर – व्हे प्रोटीन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर है।

 

  1. हड्डिया मजबूत करें – व्हे प्रोटीन कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है इसलिए यह शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरी करता है और हड्डियों को मजबूत करता है मां के दूध में नेचरली व्हे प्रोटीन पाया जाता है

 

  1. एनर्जी बूस्टर – व्हे प्रोटीन थकान को कम करता है और शरीर को इंस्टेंट एनर्जी देता है।

 

  1. शुगर लेवल कंट्रोल करें – व्हे प्रोटीन आपको लंबे टाइम तक भूख नहीं लगने देता जिससे शुगर लेवल संतुलित रहते हैं

व्हे प्रोटीन किसे लेना चाहिए

वैसे तो व्है प्रोटीन सभी ले सकते हैं लेकिन इसको उचित मात्रा में डॉक्टर या डाइटीशियन के परामर्श के साथ ही लेना चाहिए ।  प्रोटीन अधिकतर जिम करने वाले या बॉडीबिल्डर्स, एथलीट्स और स्पोर्ट्स खिलाड़ी भी लेते हैं और जो लोग दुबले पतले हैं शारीरिक रूप से कमजोर हैं वे भी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए या जिनका नेचुरल प्रोटीन इनटेक बहुत ही काम है वह भी इसको ले सकते हैं जिम में जिम ट्रेनर द्वारा EAA या BCAA प्रोटीन रिकमेंड किया जाता है यह क्या है इसके बारे में आगे जानते हैं।

Difrance Between EAA and BCAA इनमे क्या अंतर है।

 

वैसे तो हमारे शरीर में काफी अमीनो एसिड्स होते हैं लेकिन केवल उन अमीनो एसिड की बात की जाए जो हमारी बॉडी प्रोटीन प्रोड्यूस करने के लिए उपयोग करती है तो वह केवल 20 तरह के होते हैं इन 20 अमीनो एसिड को प्रोटीनोजेनिक अमीनो एसिड भी कहा जाता है यह 20 अमीनो एसिड दो भागों में विभाजित हैं इनमें से 9 तो है एसेंशियल अमीनो एसिड यानी EAA और बाकी 11 है नॉन एसेंशियल अमीनो एसिड ।

EAA वाले अमीनो एसिड हमारी बॉडी खुद से नहीं बना सकती और जो डाइट हम लेते हैं यह अमीनो एसिड उस डाइट से हमें मिलने चाहिए और BCAA एमिनो एसिड जो बॉडी खुद से बना लेती हैं या यूं कहे कि इन्हें बनाने के लिए हमें कोई एक्सटर्नल डाइट नहीं लेना पड़ती।  जिम में वर्कआउट करने वाले जो व्हे प्रोटीन लेते हैं वो EAA या BCAA दोनों में से कोई एक होता है ।

EAA vs BCAA which is better दोनों में से कौन सा अच्छा है I

 

पहले इनकी कीमत की बात कर तो BCAA सस्ता आता है और EAA महंगा आता है इनमें से कौन सा आपको लेना चाहिए यह समझने के लिए पहले नॉन एसेंशियल अमीनो एसिड को थोड़ी देर के लिए भूल जाओ और केवल एसेंशियल अमीनो एसिड पर ध्यान दो टोटल 9 एसेंशियल अमीनो एसिड में से तीन अमीनो एसिड “ल्युसिन, आइसोल्युसिन, ओर वेलीन” यह तीनों स्पेशल अमीनो एसिड है जो मसल ग्रोथ रिकवरी और रिपेयरिंग में और ज्यादा तेजी से हेल्प करते हैं बाकी अमीनो एसिड के कंपैरिजन में इन तीन BCAA ( Branched Chain Amino Acids ) का केमिकल स्ट्रक्चर अलग होने की वजह से यह मसल्स में ही मेटाबोलाइज्ड हो जाते हैं इन्हें लीवर प्रोसेसिग की आवश्यकता नहीं पड़ती। क्योंकि इन तीनों अमीनो एसिड को मेटाबॉलिक करने के लिए जो एंजाइम चाहिए वह लीवर में है ही नहीं इसलिए यह सीधे मांसपेशियों में ही मेटाबोलाइज्ड होते हैं इसलिए इनसे वर्कआउट के दौरान इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। बाकी के 6 एसेंशियल अमीनो एसिड और 11 नॉन एसेंशियल अमीनो एसिड को प्रोटीन सिंथेसिस के लिए मांशपेशियों में जाने से पहले लीवर में जाने की जरूरत होती है ।

अब BCAA में ये 3 अमीनो एसिड होते हैं  “ल्युसिन, आइसोल्युसिन ओर वेलीन, जबकि EAA में इन तीन के साथ बाकी 6 भी होते है मतलब EAA कंप्लीट प्रोटीन प्रोफाइल है। इसमें सभी एसेंशियल अमीनो एसिड है मतलब सीधी बात है अगर आपको वर्कआउट के दौरान इंस्टेंट एनर्जी चाहिए ओर मसल टूटने से रोकना हो तो आपको BCAA लेना चाहिए लेकिन आपको मसल ग्रोथ ,जल्दी रिपेयरिंग, ओर कंप्लीट प्रोटीन चाहिए EAA लो । यानी EAA में BCAA भी है।

 

Sattu vs Whey Protein Nutrition Value per 100 g व्हे प्रोटीन और सत्तू में प्रति 100 ग्राम प्रोटीन की मात्रा

 

अगर आप व्हे प्रोटीन या सत्तू में से किसी एक को सिलेक्ट करना चाहते हैं तो यह जान लीजिए की प्रति 100 ग्राम व्हे प्रोटीन में 85 ग्राम प्रोटीन होता है जबकि प्रति 100 ग्राम सत्तू में 25 ग्राम प्रोटीन होता है यानी कि अगर आप एक चम्मच व्हे प्रोटीन ले रहे हैं तो इस क्वांटिटी में सत्तू से प्रोटीन लेने के लिए आपको तीन चम्मच सत्तू लेना होगा अर्थात तीन गुना I

तो फाइनल बात यह है कि अगर आप जिम कर रहे हैं तो सत्तू आपकी प्रोटीन इनटेक को पूरा नहीं कर पाएगा और अगर आप सत्तू की क्वांटिटी को तीन गुना लेंगे तो इसमें फैट और कार्बोहाइड्रेट का इंटेक भी बढ़ रहा है। क्योंकि पर 100 ग्राम व्हे प्रोटीन में सिर्फ 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं जबकि सत्तू में प्रति 100 ग्राम में 55 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं तो अगर आपको ज्यादा कार्बोहाइड्रेट नहीं चाहिए तो आपको व्हे प्रोटीन ही लेना चाहिये लेकिन वे प्रोटीन आपको आपके बॉडी वेट के हिसाब से कितना लेना चाहिए यह आपको किसी डाइटिशियन से कंसल्ट करना चाहिए।

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