Indian AI tool Deepseek Effects  : अब भारत भी बनाएगा एडवांस AI टूल Chat GPT ओर Deepseek को देगा टक्कर

Indian AI tool Deepseek Effects जैसे ही DeepSeek AI tool लांच हुआ अमेरिका के मार्केट में खलबली मच गई और इंटरनेट पर Chat GPT और Deepseek के बारे में काफी चर्चा होने लगी लेकिन इंडिया का कोई भी Chat GPT और Deepseek के लेवल का AI tool मार्केट में अवेलेबल नहीं है लेकिन अब इंडिया ने भी Deepseek और Chat GPT को चैलेंज करने की ठान ली है भारत सरकार की तरफ से इसके लिए बजट भी अलॉटमेंट कर दिया है और इंडिया का यह AI Tool Chat GPT ओर Deepseek से काफी अलग होगा तो कैसा होगा यह टूल और कब तक तैयार होगा सब के बारे में इस लेख में चर्चा करते हैं |

Indian AI tool Deepseek Effects
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India make Indian AI tool भारत बनाएगा Generative AI Tool

 

भारत के मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने यह अनाउंस किया है कि भारत ने प्लानिंग शुरू कर दी है एक Bias Free Homegrown AI tool ग्रोन ए टूल बनाने का “Bias Free Homegrown AI tool” इस शब्द के बारे में हम आगे चर्चा करेंगे यह शब्द बहुत इंपॉर्टेंट है की किस तरह से बिल्कुल फ्री सोच के साथ हम यह टूल बनाएंगे जो chat GPT ओर Deepseek के बराबर का हो। अमेरिका के Chat GPT और चीन के Deepseek R1 AI के बाद भारत भी अपना खुद का जेनरेटिव ए टूल बनाने की तैयारी कर रहा है जो की Chat GPT और Deepseek के लेवल का होगा और इसे कड़ी टक्कर देगा भारत के केंद्रीय मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने इसके बारे में हाल ही में अनाउंस किया हालांकि अभी इस मॉडल को तैयार होने में करीब 1 साल का समय लग सकता है क्योंकि जेनरेटिव AI मॉडल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एक वर्जन होते हैं और जेनरेटिव AI को मशीन लर्निंग की मदद से तैयार किया जाता है जो प्रॉन्प्ट के आधार पर नए कंटेंट बनता है एक अच्छे जेनरेटिव टूल्स में टेक्स्ट के साथ-साथ इमेज और वीडियो भी जनरेट करने की कैपेबिलिटी होनी चाहिए।

अश्विनी वैष्णव ने कहां किया अनाउंसमेंट

 

उड़ीसा में आयोजित उत्कर्ष कॉन्क्लेव मैं अश्वनी वैष्णव ने कहा कि भारत AI कंप्यूटर फैसिलिटी के पास करीब 18000 सीपीयू है जिनकी मदद से हम एक बडा लैंग्वेज मॉडल तैयार करेंगे और यह एक स्वतंत्र AI मॉडल होगा जो Bias Free Homegrown AI tool  होगा जिसे स्पेशली भारतीय यूजर्स को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा।

 

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत सरकार लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर और AI रिसर्च में इन्वेस्ट कर रही है और इनका मकसद विदेशी AI टूल पर भारतीयों की निर्भरता को कम करना है भारत सरकार के पास अभी करीब 15000 GPU उपलब्ध है और 10 कंपनियां शॉर्ट लिस्ट की गई है साथी करीब 18 AI आधारित एप्लीकेशंस को शॉर्ट लिस्ट कर लिया गया है इंडिया में बनने वाला यह ए मॉडल एक आम यूजर के लिए साथ ही कॉर्पोरेट के भी उसे करने के लिए बनाया जाएगा जिसे बड़ी-बड़ी टेक कंपनी उपयोग करेगी साथ ही एक आम आदमी या फिर एक स्टूडेंट भी इसको अपनी रिसर्च के लिए उसे कर सकता है।

क्या भारत को अपने AI मॉडल की आवश्यकता है

 

क्या भारत को AI मॉडल की आवश्यकता है तो इसके जवाब में मैं कहूंगा बिल्कुल अभी हम देखें तो कोई भी बड़ी कंपनी जैसे अमेजॉन जिओ इनके सर्विस सेंटर पर आप कांटेक्ट करने की कोशिश करते हैं तो सबसे पहले आपसे एक चैट बोट बात करता है जो कि आई के द्वारा ही बनाया गया है अगर वह आपकी प्रॉब्लम सॉल्व कर नहीं कर पाता तब हमें कस्टमर केयर से बात करने की जरूरत पड़ती है और अधिकांश केसेस में AI Chat Bot ही कस्टमर की प्रॉब्लम को सॉल्व कर देता है ऐसे में कंपनियों की काफी कस्टमर केयर कास्ट बचती है अब ऐसे में भारत में खुद का अपना ए मॉडल ना होने की वजह से विदेशी कंपनियों पर निर्भरता रहती है और देश का पैसा बाहर जाता है ऐसे में अगर भारत का अपना खुद का एक AI model होगा जो कि भारत की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा तो फिर इंडियन tech company भी इनका use करेंगे और ऐसे में यह हमारे लिए काफी बेनिफिशियल होगा देखा जाए तो अमेरिकी और चीनी चेट बोट उनके हिसाब से काम करते हैं ना कि हमारे हिसाब से तो बिल्कुल भारत को अपने खुद के एक AI मॉडल की आवश्यकता है जो हमारे देशवासियों को बिल्कुल सही और सटीक जानकारी दें।

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