School Admission Rule 2025 : स्कूल एडमिशन 2025 नियम बदले, उम्र सीमा तय

School Admission Rule 2025 शिक्षा मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया था कि सभी प्राइमरी और प्री प्राइमरी स्कूल में एडमिशन की उम्र सीमा तय कर दी गई है। अगर आप प्राइवेट या सरकारी किसी भी स्कूल में अपने बच्चे का न्यू एडमिशन करवाने की सोच रहे हैं, तो अब नए नियम के हिसाब से स्कूल में कक्षा तय होगी। यहां पर तो हम आपको बता दें कि स्कूल एडमिशन School Admission Rule 2025 के लिए न्यूनतम आयु तय कर दी गई है। नई शिक्षा नीति ( New Education Policy ) 2020 के अनुसार स्कूल एडमिशन के लिए नियम बदल गए हैं, सरकार ने आदेश जारी करते हुए सभी जिला के कलेक्टर डीईओ और डीपीसी को इन नियमों का पालन करने के लिए निर्देश दिए हैं न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP) लागू करने के बाद बच्चों की पढ़ाई शुरू करने से पहले एक उम्र सीमा निर्धारित की गई है। School Admission Rule 2025 उम्र को ध्यान में रखते हुए आप अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवा सकते हैं पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें।

School Admission Rule 2025
School Admission Rule 2025

School Admission Rule 2025 स्कूल में एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु क्या है

भारत में सभी प्रदेशों सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए सभी कक्षाओं में प्रवेश के लिए आयु सीमा निर्धारित की है।

 

  • नर्सरी में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र कम से कम 3 साल होनी चाहिए।

 

  • केजी 1 में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र 4 साल होने चाहिए।

 

  • केजी 2 में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र 5 साल होनी चाहिए।

 

  • कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चों की उम्र 6 साल होनी चाहिए।

School Admission Rule 2025 NEP क्या कहता है I

भारत सरकार द्वारा 15 फरवरी 2024 को एक नोटिस जारी किया था, जिसमे नई शिक्षा नीति NEP 2020 लागू करने की तैयारी हो गई है। शैक्षणिक वर्ष 2025-26 जितने भी पेरेंट्स (अभिभावक) है वह इस खबर को सुनने के बाद ही एडमिशन करवाने जा रहे है अगर आपके बच्चे की उम्र 3 साल है या 3 साल से ज्यादा है तो ही आपके बच्चे का (शिशु वाटिका) नर्सरी कक्षा में एडमिशन करवा सकते है।

भारत सरकार की नई शिक्षा नीति नप 2020 के अनुसार कक्षा एक में प्रवेश के लिए बच्चों की न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित हैं। NEP का उद्देश्य बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास के अनुसार उनकी शिक्षा सुनिश्चित करना है न कि उन पर शिक्षा का बोझ देना है।

इस नीति के तहत 3 से 18 वर्ष की आयु में बच्चों की शिक्षा को 5 + 3 + 3 + 4 के अनुसार विभाजित किया गया है।

  • प्रथम 5 वर्ष– बुनियादी चरण 3 से 8 वर्ष
  • अगले  3 वर्ष– प्रारंभिक चरण 8 से 11 वर्ष
  • अगले 3 वर्ष– माध्यमिक चरण 11 से 14 वर्ष
  • अंतिम 4 वर्ष– उच्चतर माध्यमिक चरण 14 से 18 वर्ष

अभिभावक क्यों परेशान हो रहे है I

शिक्षा मंत्रालय की तरफ से अनिवार्य कर दिया गया है, कि अगर आपके बच्चे की उम्र 6 साल से कम है, तो वह Class-1 में नहीं बैठ सकता है इस बार बहुत से पेरेंट्स परेशान है क्योंकि वर्ष 2025-26 के बीच में आप एडमिशन करते हैं जिसमें बच्चों का एडमिशन क्लास नर्सरी में करवाते हैं, तो  लेकिन शिक्षा मंत्रालय ने कह दिया है कि नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चों की 3 साल उम्र है,तो उसे एडमिशन नहीं मिल पाएगा ऐसे में बहुत सारे अभिभावक बार-बार यही कह रहे हैं कि हमारा बच्चा सिर्फ 10 दिन कम या 20 दिन कम

है 3 साल पूरे होने है हमारे का पूरा साल खराब हो जाएगा उन्हें एडमिशन नहीं मिल पा रहा है। उसके लिए स्कूल डिपार्टमेंट से लगातार बहस कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि किसी VIP का फोन करवाएंगे तो उन्हें एडमिशन मिल जाएगा ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला क्योंकि शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के हिसाब से सभी स्कूल को अलर्ट कर दिया गया है। प्राइवेट स्कूल हो चाहे कोई भी गवर्नमेंट स्कूल हो या सीबीएसई बोर्ड स्कूल हो।

मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन द्वारा इसे पिछले साल लागू कर देना चाहिए था लेकिन पिछले साल माता-पिता ने रियायत मांगी उन्होंने कहा इसी साल तो यह नियम आया है अभी आप लागू कर रहे हैं शिक्षा विभाग ने यह फैसला बच्चों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखकर ही लिया है। अधिकांश अभिभावक जॉब करते हैं, तो वह बच्चों को प्रीस्कूल बहुत ही कम उम्र में भेज देते हैं, जिससे बच्चों पर शिक्षा का बोझ हो जाता हैं और बच्चों का मानसिक विकास ठीक से नहीं हो पाता है।

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