हाल ही में चीन में ह्यूमन मेटापन्युमोवायरस ( HMPV ) New Virus in India के बहुत सारे मामले सामने आए हैं लेकिन यह वाइरस चीन तक नहीं थम रहा है वह काफी तेजी से फैल रहा है। अब कॉविड-19 महामारी के बाद एचएमपीवी ( HMPV ) नामक वायरस ने चीन से पहली बार भारत के बेंगलुरु में पहला केस एचएमपीवी ने दस्तक दी हैं, जिसमें 8 महीने की बच्ची जो एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाइ गयी है। प्राइवेट हॉस्पिटल में जहां पर उसका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हमारी लैब में इसका टेस्ट नहीं किया गया है यह रिपोर्ट प्राइवेट अस्पताल से आई हैं, तो अब इसमें किसी प्रकार की कोई शंका नहीं है। एचएमपीवी भारत में आ गया है। हमें इससे सतर्क रहना है।

HMPV संक्रमण के लक्षण क्या है ?
What are the symptoms of HMPV infection?
HMPV वायरस के संक्रमण से सर्दी, खांसी, बुखार, नाक बहना या बंद होना, सांस लेने में परेशानी, गले में खराश और दर्द, घरघराहट, थकान बदन दर्द ये सभी इस वायरस के लक्षण हैं।
यह वायरस 2 साल के बच्चे और बुजुर्गों को तेजी से संक्रमित करता है क्योंकि इनका इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर यह वाइरस गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
विशेषज्ञ के साथ बातचीत
( Conversation with the expert )
इस मीटिंग में विश्व स्वास्थ्य संगठन, डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज जिसके अंदर एक्सपर्ट डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के एक्सपर्ट, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इंडियन काउंसलिंग ऑफ मेडिकल रिसर्च, दिल्ली के एक्सपर्ट सहित कई लोग शामिल थे।
दिल्ली के मेडिकल ऑफिसर्स ने वायरस से जुड़ी चुनौतियों से छुटकारा पाने के लिए एडवाइजरी जारी किए हैं, जिसमें हेल्थ सर्विस के डायरेक्टर डॉ. जनरल वंदना बग्गा ने रविवार को मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी के साथ मीटिंग की जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और तीव्र गंभीर सांस संबंधित बीमारियों से निपटने की तैयारी के बारे में बात की और
संक्रमण संबधी सभी अस्पतालों में निर्देश दिये ।
क्या भारत तैयार है
सरकार ने तो यहां कहा है कि हाल ही में हमने ड्रिल कंडक्ट किया था जिससे हमें सुनिश्चित हो गया है कि भारत किसी भी प्रकार का अगर श्वसन संबंधी रोग बढ़ता है। भारत के अंदर अचानक से बहुत से कैसेस आ जाते हैं। अस्पताल की जरूरत पड़ती है, तो भारत इसके लिए तैयार है और उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का हेल्थ चैलेंज होगा तो भारत उससे बाहर निकल के लिए तैयार है। इसके अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे कुछ ऐसे राज्य हैं जिन्होंने पहले से ही गाइडलाइंस देना शुरू कर दिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह
( Health Ministry advice )
भीड़ भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचे। नियमित रूप से अपने हाथ को धोए। अगर वायरस से संबंधी सांस लेने में कोई परेशानी हो या ऐसे लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले। विशेषज्ञ का मानना है कि ज्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है।
एचएमपीवी वायरस से कैसे बचा जा सकता है
( How to prevent HMPV virus )
एचएमपीवी एक सांस संबंधी वायरस है, जो बच्चों और बूढ़े लोगों में जिनका इम्यून सिस्टम बहुत ही कमजोर होता है, उनमें यह तेजी से फैलता है।
एचएमपीवी वायरस हो रहा है तो क्या करें
What to do if you have HMPV virus
एचएमपीवी ( HMPV ) वायरस का कोई इलाज नहीं है, हमें स्वयं अपनी केयर करना है।
- छींकते और खांसते समय अपने मुंह और नाक को टिशू पेपर या रुमाल से कवर करें ।
- अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोएं।
- अपने हाथों को लगातार सैनिटाइज करिए।
- भीड़ वाली जगह पर जाने से बचे।
- अगर आप बीमार है तो घर पर ही रहे अन्य व्यक्तियों के संपर्क में ना आए।
- मास्क का उपयोग करें।
- साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें जैसे कि आप दरवाजे के हैंडल, मोबाइल, टैबलेट, टेबल जिनको लगातार छूते हैं, तो अपने हाथों को साफ रखें।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए संतुलित आहार लें।
एचएमपीवी वायरस हो रहा है तो क्या न करें
( What not to do if you have HMPV virus )
- टिशू पेपर रुमाल का दोबारा इस्तेमाल न करें।
- संक्रमित व्यक्ति के साथ अपनी चीजे शेयर ना करें।
- बार-बार अपने नाक आंख और मुंह को न छुए।
- डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवाई ना लें।
मौसम की वजह से चीन में लगातार केसेस बढ़ रहे हैं, क्योंकि यह वाइरस सीजनल है अगर किसी को सर्दी जुकाम है और लंबे समय से ठीक नहीं हो रहा है, तो वह अपना मेडिकल ट्रीटमेंट ले। अगर आपको अस्थमा है या कोई ऐसी सीओपीडी है जिसमे आपको प्रॉब्लम जो सांस से संबंधित कोई बीमारी है या आपको सांस नहीं आ रहा है
ज्यादातर केसेस में एचएमपीवी वायरस एक हफ्ते के अंदर अंदर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ लोगों में यह लंबे समय तक रहता है। यह वाइरस पूरी दुनिया में फैलेगा यह वायरस खतरनाक वायरस है। यह फैलेगा या नहीं फेलेगा है। यह बहुत पुराना वायरस है 2001 का वायरस है एक साल पहले अमेरिका में हुआ था। चीन में यह वायरस होता रहता है फिर सही हो जाता है, क्योंकि छूने से फैलता है तो यहां पर हमको एक्स्ट्रा प्रिकॉशन लेने की जरूरत है।