तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ( TTD) तिरुपति बालाजी संपूर्ण यात्री गाइड और बुकिंग प्रक्रिया जानकारी
तिरुमला तिरुपति देव दर्शनम क्या है
तिरुमला तिरुपति देव दर्शनम् जो टीटीडी के नाम से भी जाना जाता है। तिरुपति में आने वाले भक्तों के लिए यह एक विशेष ऑनलाइन सेवा है। जिसके माध्यम से तिरुमला में स्थित तिरुपति भगवान वेंकटेश्वर के पवित्र दर्शन भक्त आसानी से कर सके। यह सेवा भक्तों को तिरुमला में स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन बुकिंग, पूजा पैकेज और रुकने के लिए सरल और सुव्यवस्थित सुविधाएं प्रदान करती हैं।

तिरुमला तिरुपति देव दर्शनम कहां है ( तिरुपति बालाजी )
यह मंदिर भारत के सबसे पवित्र, प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर (तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर) हैं। तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला शहर में स्थित है। इस मंदिर में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर स्वामी जी की मूर्ति हैं, जिसे भगवान विष्णु का भी अवतार माना जाता है। हर साल लाखों भक्त भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं।
तिरुमला तिरुपति देव दर्शनम बुकिंग प्रक्रिया
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम टीटीडी ने भक्तों के लिए ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया बहुत ही सरल और सुविधाजनक है। जिससे आपके समय की बचत होगी और आपकी यात्रा अधिक सुव्यवस्थित होगी।
टीटीडी की आधिकारिक वेबसाइट और ऐप
TTD official website and app
एप और वेबसाइट के माध्यम से दर्शन पूजा और ठहरने के लिए बुकिंग कर सकते हैं।
TTD वेबसाइट : https://tirupatibalaji.ap.gov.in
मोबाइल ऐप : Google Play Storeऔर Apple App Store पर उपलब्ध है।
तिरुमला दर्शन करने की बुकिंग प्रक्रिया
Registration ( रजिस्ट्रेशन )
1) आप वेबसाइट और ऐप पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करें।
2) Sign Up पर क्लिक करके अपना नाम, ईमेल और मोबाइल नंबर डालें।
3) अपना कोई सीक्रेट पासवर्ड डाले और रजिस्टर्ड करें।
Login ( लॉगिन )
1) अब आप अपने ईमेल और पासवर्ड का use करके लॉगिन करें।
2) होम पेज पर बुकिंग विकल्प को चुने।
- C) दर्शन के लिए स्लॉट बुक करें।
1) अगर आप “Special Entry Darshan” करना चाहते हैं तो (300 रुपये) या “फ्री दर्शन” विकल्प का चयन करें।
2) अपनी यात्रा की तारीख और दर्शन करने का समय स्लॉट चुने।
3) दर्शन करने के लिए आप अपने पसंद का स्लॉट चयन करें।
- D) तीर्थ यात्री की जानकारी भरे।
1) दर्शन करने वाले श्रद्धालु के नाम, उम्र और पहचान पत्र की जानकारी भरे ।
2) पहचान पत्र के रूप में पासपोर्ट, आधार कार्ड या पैन कार्ड में से किसी एक विकल्प का चयन करें ।
- E) ऑनलाइन भुगतान करें ।
1) Online शुल्क का भुगतान क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या यूपीआई से करें।
2) भुगतान की पुष्टि होने पर ई-टिकट डाउनलोड करें।
- आवास बुकिंग प्रक्रिया
1) “Accommodation” टेब पर जाए।
2 ) तारीख, स्थान और जो कमरे उपलब्ध हो उनका चयन करें।
3) शुल्क भुगतान होने पर बुकिंग की पुष्टि प्राप्त करें।
- अन्य सेवाओं के लिए बुकिंग
1) सुप्रभात सेवा
2) तुलाभर सेवा
3) पूजा, अर्चना
4) लड्डू प्रसाद का वितरण ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से करवा सकते हैं।
बुकिंग से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
पहचान प्रमाण पत्र
जब आप यात्रा प्रारंभ करते हैं, तो अपने साथ पहचान प्रमाण पत्र जरूर लेकर जाएं क्योकि दर्शन के दिन ई-टिकट के साथ पहचान प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य है।
समान तारीख पर एक दर्शन स्लॉट
1) एक व्यक्ति को एक ही तारीख पर दो बुकिंग दर्शन स्लॉट नहीं मिलेगा।
2) आपने जिस समय का स्लॉट बुक किया है, उसे समय से पहले मंदिर पहुंचे।
3) मंदिर में मोबाइल और कैमरा ले जाना वर्जित है।
- Cancellation (रद्द करना)
यदि आप ने एक बार टिकट बुक कर दी है, तो वह बुकिंग कैंसिल नही की जा सकती हैं।
ऑफलाइन बुकिंग
यदि आप ऑनलाइन बुकिंग नहीं कर सकते हो, तो तिरुमला पहुंचने पर दर्शन और आवास की काउंटर बुकिंग भी होती हैं,लेकिन इसमें समय अधिक लगता है।
तिरुमला तिरुपति देव दर्शन का उद्देश्य क्या है ?
तिरुमला देव दर्शन का उद्देश्य भक्तों को एक ऐसा पवित्र अनुभव प्रदान करना है, जो उन्हें शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक रूप से शांति प्रदान करें।
सुव्यवस्था और भीड़ नियंत्रण
प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए आते हैं और दर्शन की प्रक्रिया को सरल बनाना जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
ऑनलाइन सेवा
भक्तो को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पूजा और दर्शन में लगने वाले समय को कम करना। भोजन और ठहरने की व्यवस्था को सरल बनाना।
सभी वर्ग के लिए सुविधा
भारत का प्रसिद्ध मंदिर होने के नाते यहां पर हर वर्ग के श्रद्धालु बिना किसी असुविधा के भगवान वेंकटेश्वर का दर्शन प्राप्त कर सके। यहां पर दर्शन करने के लिए वरिष्ठ नागरिक दिव्यांग के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
आध्यात्मिक अनुभव
यहां पर आने वाले भक्तों को शांत वातावरण प्रदान करना जिससे उनका अनुभव यादगार और सकारात्मक हो।
समाज का कल्याण
प्रसाद से जो आय प्राप्त होती हैं, उसे समाज कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में उपयोग करना।
धार्मिक परंपराओं का प्रचार
यह मंदिर हिंदुओं के लिए सात पवित्र तीर्थ स्थान में से एक हैं। तिरुपति बालाजी से जुड़ी धार्मिक परंपराओं और आध्यात्मिकता का प्रचार करना। क्योंकि यहां पर आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं को शांति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तिरुमला बैकुंठ द्वार दर्शन का विशेष महत्व
वैकुंठ एकादशी के दिन बैकुंठ द्वार से तिरुपति बालाजी के दर्शन करने का अपना विशेष महत्व है पूर्व की ओर स्थित है यह दरवाजा वैकुंठ एकादशी के दिन खोला जाता है इस दिन मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है। बैकुंठ भगवान श्री हरि विष्णु का निवास स्थान है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के निवास स्थान यानी बैकुंठ के दरवाजे खुले रहते हैं। इस दिन भगवान के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान श्री हरि विष्णु के श्री चरणों में स्थान मिलता है। भगवान श्री हरि विष्णु स्वयं इस जगह पर प्रकट हुए थे। जिस स्थान पर वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति है उसी स्थान पर वह साक्षात मूर्ति के रूप में बदल गए थे इसलिए भगवान तिरुपति बालाजी को जीवित देवता के रूप में जाना जाता है। तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए लाखो की संख्या में लोग प्रतिदिन तिरुमला पहुंचते हैं और भगवान के लिए खास पूजा अर्चना की जाती है।
वैकुंठ एकादशी के दिन जो भी भक्त तिरुमला में बैकुंठ द्वार से होकर तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए जाते हैं तो उन्हें भगवान श्री हरि विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है भगवान श्री हरि विष्णु के निवास स्थान बैकुंठ पहुंच जाते हैं।
FAQ
तिरुपति बालाजी में कौन से भगवान विराजमान है?
तिरुपति बालाजी मंदिर में श्री हरि भगवान वेंकटेश्वर मुख्य रूप से विराजमान है।
श्री बालाजी का असली नाम क्या है?
श्री वेंकटेस्वर स्वामी।
तिरुपति बालाजी मंदिर में पुरुष एवं महिलाओं का ड्रेस कोड क्या है?
पुरुष के लिए धोती कुर्ता या पजामा और
महिलाओं के लिए साड़ी या सलवार कुर्ता, सूट।
टीटीडी का मुख्यालय कहां है ?
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ( TTD )का मुख्यालय तिरुपति (आंध्र प्रदेश) में है।
टीटीडी में कितने लोग कार्यरत हैं?
TTD में लगभग 16000 लोग काम करते हैं।
वेंकटेश्वर का दूसरा नाम क्या है?
श्रीनिवास, नारायण, पेरूमल, मलयप्पा, गोविंदा, तमिल में उन्हें एलुमालयन भी कहते हैं।
तिरुपति बालाजी प्रतिदिन कितने भक्त दर्शन करने आते हैं?
तिरुपति बालाजी सामान्य दिन 50000 से 1 लाख और विशेष दिन 2 लाख से 3 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
तिरुपति में भीड़ कब कम होती है ?
जून से अक्टूबर और दिसंबर से फरवरी तक कम भीड़ होती है।
तिरुपति बालाजी में बाल क्यों देते हैं ?
तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान करने से भक्तों के जीवन से सभी तरह की बुराइयां और नकारात्मकता दूर होती हैं साथ ही उन पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।