PM Vishwakarma Yojana online Form प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और रोजमर्रा के कामों को करने वाले पुरुष महिला जैसे सिलाई , बुनाई, लोहारी काम ,मोची , मिस्त्री ओर भी कई तरह के काम करने वाले लोगो को विशेष ट्रेनिंग और आर्थिक सहायता दी जाती है साथ ही पीएम विश्वकर्मा योजना PM Vishvakarma Yojana भारत कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और भारत की पारंपरिक शैली और लोकल फ़ॉर वोकल को भी प्रोत्साहित करती है। इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी देंगे की कैसे आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं किन-किन काम करने वाले लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा ऑनलाइन आवेदन कैसे करना है ट्रेनिंग कैसे होगी और सरकार की तरफ से आपको कितने रुपए मिलेंगे साथ ही आपको टूल किट जैसे सिलाई मशीन या कंस्ट्रक्शन कार्य में काम आने वाली मशीन आदि भी दी जाती है सब कुछ जानेंगे इस आर्टिकल में।

What is PM Vishwakarma Yojana पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना केंद्र सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाना है। इसके अंतर्गत, भारत में उन कुशल कारीगरों और छोटे उद्यमियों को समर्थन दिया जाएगा, जो अपनी प्रतिभा के दम पर न केवल अपनी आजीविका चलाते हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान देते हैं।
इस योजना के तहत, कारीगरों को तकनीकी ज्ञान, प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
PM Vishwakarma Yojana योजना के मुख्य उद्देश्य
PM Vishwakarma Yojana प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता प्रदान करना नहीं है। इसका दृष्टिकोण व्यापक है, जो निम्नलिखित पहलुओं को कवर करता है
- पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बनाना: पारंपरिक शिल्पकार जैसे बढ़ई, सुनार, लोहार, कुम्हार आदि को उनके कार्य में तकनीकी और व्यावसायिक प्रोत्साहन देना।
- स्वरोजगार को प्रोत्साहन: स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ाना और रोजगार सृजन में योगदान देना।
- प्रशिक्षण और विकास: शिल्पकला से जुड़े व्यक्तियों को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना।
- आर्थिक सहयोग: कारीगरों को सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध कराना, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकें।
- मार्केट एक्सेस और ब्रांडिंग: स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान दिलाना।
PM vishvakarma Yojana से कारीगरों ओर शिल्पकारों को क्या लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे
मान्यता प्रमाण पत्र : योजना में ट्रेनिंग कंप्लीट करने वालों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता दी जाएगी
ट्रेनिंग : आवेदन में पत्र कारीगरों को 5 से 7 दिनों की बुनियादी प्रशिक्षण और 15 या उससे ज्यादा दिनों की एक्सपर्ट ट्रेनिंग दी जाएगी जिसमें प्रतिदिन ₹500 की राशि दी जाएगी
ट्रेनिंग के बाद टूल किट : जो लोग सफलतापूर्वक ट्रेनिंग कंप्लीट करेंगे उनको ई वाउचर के रूप में ₹15000 तक की टूल किट दी जाएगी जिसमें उनके कार्य से संबंधित आवश्यक सामग्री होगी
लोन सहायता : पीएम विश्वकर्म योजना में ट्रेनिंग कंप्लीट करने वाले लाभार्थि ₹100000 का लोन लेने के लिए पात्र होंगे यह अनिवार्य नही है आप चाहे तो लोन ले और ना चाहे तो ना लें जो लाभार्थी पहले लोन सफलतापूर्वक भर देंगे वह दूसरी किस्त मैं ₹200000 और ₹300000 तक का जमानत मुक्त लोन लेने के लिए पात्र होंगे।
डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहन : यदि लाभार्थी अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन करते हैं तो ₹1 की राशि या अधिकतम सो रुपए मासिक लेनदेन तक जमा की जाएगी

पीएम विश्वकर्मा योजना की मुख्य विशेषताएं
- विश्वकर्मा योजना में कितने रुपए मिलते हैं? : योजना के तहत कारीगरों को स्वरोजगार शुरू करने के लिए 15,000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी।
- कम ब्याज पर ऋण: स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख रुपये तक का ऋण 5% की ब्याज दर पर दिया जाएगा। इस ऋण का उपयोग कच्चा माल खरीदने, व्यवसाय का विस्तार करने और मशीनरी उन्नति में किया जा सकेगा।
- तकनीकी प्रशिक्षण: आधुनिक जरूरतों के अनुरूप कारीगरों को नई तकनीकों और प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार द्वारा प्रमाणित होंगे।
- बाजार तक पहुंच: स्थानीय कारीगरों और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने के लिए सरकार विशेष पहल करेगी। इसके लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर भी उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।
- ब्रांडिंग और मार्केटिंग सपोर्ट: छोटे व्यवसायों को ब्रांडिंग और विज्ञापन में सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि उनके उत्पादों को पहचान मिल सके।
- ग्रीन तकनीक को बढ़ावा: पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को अपनाने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है ?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना मुख्य रूप से पारंपरिक कारीगर और शिल्पकारों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसके तहत 18 प्रमुख श्रेणियों को शामिल किया गया है:
बढ़ई
लोहार
कुम्हार
मोची
दर्जी
माली
सुनार
पत्थर तराशने वाले
खिलौना निर्माता
बांस और बेंत के कारीगर
मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले
चमड़ा कारीगर
इनके अतिरिक्त, अन्य शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों को भी इस योजना के अंतर्गत लाया जा सकता है।
PM Vishwakarma Yojana online Form पीएम विश्वकर्मा योजना की आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी रखी गई है
पीएम विश्वकर्म योजना में आवेदन करने के लिए लाभार्थियों का आवेदन पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के साथ कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किया जाएगा मतलब आपके आसपास की ऑनलाइन की दुकानों से आप यह आवेदन कर पाएंगे आवेदन के बाद आवेदन की रिक्वेस्ट आपकी ग्राम पंचायत या जिला पंचायत में जाएगी वहां से वेरिफिकेशन होने के बाद स्क्रीनिंग समिति द्वारा वेरीफिकेशन होगा। इसके लिए आप अपने ग्राम पंचायत में संपर्क कर सकते हैं या नगर निगम में संपर्क कर सकते हैं
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता:
1.आवेदक का पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस
- आवेदक का आधार कार्ड
- आवेदक का बैंक खाता विवरण पासबुक
- आवेदक का मूल निवासी प्रमाण पत्र
यह आवेदन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
जांच और अनुमोदन:
आवेदन को संबंधित विभाग द्वारा सत्यापित किया जाएगा, और पात्रता के अनुसार लाभ दिया जाएगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना से होने वाले लाभ
आय में वृद्धि
कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय सहायता मिलने से उनकी आय में वृद्धि होगी।
शिल्पकला संरक्षण
पारंपरिक शिल्पकलाओं को संरक्षण मिलेगा, जिससे हमारी संस्कृति और परंपराएं संरक्षित रहेंगी।
उत्पादों की गुणवत्तावृद्धि:
आधुनिक तकनीकों और उपकरणों के उपयोग से उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होगी।
रोजगार सृजन:
स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
सरकार की दृष्टि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस योजना की घोषणा की थी। उनकी दूरदृष्टि “मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत को साकार करना है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा बनाना और उन्हें डिजिटल युग में सशक्त बनाना है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। यह योजना न केवल उनकी आजीविका में सुधार लाएगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी योगदान देगी। इस पहल से न केवल भारतीय शिल्प को एक नया आयाम मिलेगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी समाज के बीच आर्थिक असमानताओं को कम करने में मदद मिलेगी।
इस योजना का प्रभाव तभी साकार होगा, जब प्रत्येक पात्र कारीगर इसका लाभ उठाने में सक्षम होगा। सरकार और समाज के सहयोग से यह पहल न केवल हमारी संस्कृति को संरक्षित करेगी, बल्कि एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी सहायक सिद्ध होगी।
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